मनीगाछी : गोवर्धन मठ पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती बृहस्पतिकें प्रखंडक टटुआर बिशौल गाममे धर्म दर्शन सह संगोष्ठी कार्यक्रममे भाग लेलनि। कार्यक्रमकें संबोधित करैत शंकराचार्य कहलनि जे लोककें कर्मक अनुसार फल प्राप्त होइत अछि। अहां जेहन फल करैत छी, ओही अनुरुप अहांकें फल प्राप्त होइत अछि। ऐ कार्यक्रम मे विभिन्न व्यक्ति सभ द्वारा धर्म – अध्यात्मसं जुड़ल कतेको प्रश्न पूछल गेल। सभ प्रश्नक उत्तर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती द्वारा देल गेल। एकटा प्रश्नक उत्तर दैत स्वामीजी कहलनि जे विवाह पवित्र बंधन छी। तें एकरा विवाह संस्कार कहल जाइत अति मुदा अंतर्जातीय विवाहकें संस्कार नै कहल जाइत अछि।
कार्यक्रममे भाग लैत गणमान्य।
गायत्री मंत्र पर पूछल गेल प्रश्नक उत्तर दैत स्वामीजी कहलनि जे जत’ यज्ञोपवीत संस्कार होइत अछि, ओ सभ गायत्री मंत्रक प्रयोग करैत छथि मुदा मंत्रक फल सभकें प्राप्त होइत छै। मंत्रक फलसं ककरो वंचित नै कयल जा सकैए। मंत्रमे एटम बमसं बेसी शक्ति होइत छै। ओ कहलनि जे जं फल शास्त्र सम्मत चाहीत’ विधि सेहो शास्त्र सम्मत कर’ पड़त। विचारमे आएल स्खलन पतन केर कारण अछि।
ऐ कार्यक्रममे कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय, दरभंगा कुलपति डॉ. शशिनाथ झा, जहानाबादक पूर्व सांसद अरुण कुमार, बैद्यनाथ बैजू, कमलाकांत झा आदि गणमान्य लोक ऐ कार्यक्रममे उपस्थित छलाह। कार्यक्रमक आयोजन अरुण कुमार झा उर्फ बौअनजीक दलान पर कयल गेल छल। कार्यक्रममे उपस्थित ग्रामीण आ अतिथि लोकनि शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वतीसं मैथिलीमे बेसी प्रश्न पूछलनि। ग्रामीण आ अतिथि लोकनिक इच्छा मैथिलीमे एकर उत्तर सुनब छल। मुदा शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती सभ प्रश्नक उत्तर हिंदीमे देलनि। जाहिसं लोक सभकें निराशा भेलैक। ओना अनौपचारिक रूपसं शंकराचार्य मैथिली बजैत रहलाह।

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